Oscillation

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Wednesday, August 27, 2014

क्या मंगल एक बर्बाद ग्रह नहीं है?

मंगल ग्रह के अब तक के अभियानों से जो तस्वीरे नासा ने दुनिया को दिखाई है उनसे मेरा शोध और भी अधिक प्रमाणित हुआ है. मंगल पृथ्वी के समान तरोताजा फ्रेश ग्रह नहीं है. लेकिन इस ग्रह पर अतीत में जो कुछ हुआ वही सब आज पृथ्वी पर मनुष्य कर रहा है. मंगल ग्रह पर एक समय वह सब था जो पृथ्वी पर इतिहास में हुआ वर्त्तमान में हो रहा है और भविष्य में होगा. यह ग्रह हम पृथ्वीवासियों को अपनी बर्बादी के द्वारा सावधान कर रहा है. मंगल के अब तक के अभियानों से भेजी गई तस्वीरे इसकी धीरे धीरे हुए पतन को स्पष्ट करती है. मंगल एक समय पृथ्वी जेसा हरा-भरा और नीला ग्रह था. इस पर भी डायनोसौर जेसा युग रहा. मंगल पर पेड़ पोधे, नदी, तालाब, झरने, महासागर, हरे भरे जंगल, विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, किट-पतंगे, विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी, मछलिया वो सभी कुछ था जो पृथ्वी पर है. मंगल पर पहाड़, रेगिस्तान, हरियाली, बाग-बगीचे सभी कुछ था. सुन्दर स्त्रिया-पुरुष, सुन्दर वन विभिन्न प्रकार की मधुर ध्वनिया आकाश में उड़ते सुंदर आवाजे करते पक्षी. मंगल का संपूर्ण भोगोलिक, आकाशीय व जेविक स्वरुप पृथ्वी के ठीक समान रहा है यही नहीं यह ग्रह पृथ्वी के तरह ही एक सूर्य के समान तारे के चारो और तीसरी कक्षा में अपने सूर्य की परिक्रमा करता था. मंगल पर अनेक परिवर्तन समय समय पर हुए. वहा पर भी विभिन्न ऋतुये सर्दी, गर्मी, वर्षा आदि रही मंगल पर समय समय पर भूकंप, ज्वालामुखी, सुनामी, तूफान, आग और दुसरे अन्य प्राक्रतिक प्रकोप आते थे. मंगल वासियों ने अपनी आदिम जंगली अवस्था से आधुनिक सभ्य मानव की एक विशाल विकास यात्रा की. मंगल पर भी विभिन्न प्रकार के धर्म हुए, अनेक प्रकार के साशक हुए, कवि हुए, मंगल पर बड़े बड़े संगीतकार हुए, साहित्यकार हुए, वैज्ञानिक हुए तथा मंगल वासियों ने धर्म, साहित्य, शिक्षा, नृत्य, संगीत, दर्शन, राजनीति, विज्ञान और सभी क्षेत्रो में खूब विकास किया. लेकिन मंगल पर अनेक जन क्रांतिया, युद्ध भी होते रहे. मंगल पर समय समय पर अनेक सामाजिक, राजनितिक और धार्मिक सुधारक भी हुए जीनोने समाज में विभिन्न कुरितियो को समाप्त किया. फिर मंगल पर वैज्ञानिक क्रांति का दोर आया समाज में बड़े भारी परिवर्तन होने लगे बड़ी बड़ी वैज्ञानिक खोजे होने लगी. आधुनिक सभ्य मंगल मानव का समाज उदय होने लगा. चिकित्सा, कृषि, गणित, भोतिकी, रसायन, तकनीक से लेकर मंगलवासी अंतरिक्ष के क्षेत्र में विकास की और कदम बढ़ने लगे. मंगल पर अब इस अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का एक नया दोर शुरु हुआ बड़े बड़े अंतरिक्ष अभियान चलने लगे. मंगल वासियों ने अब अंतरिक्ष की भयानक प्रतिस्पर्धा में अपने ग्रह को बर्बाद करना शुरु कर दिया. टेक्नोलोजी चरम ऊंचाईयों पर पहुचने लगी और मंगल वासी अब दुसरे ग्रहों पर यात्रा करने लगे. विभीन्न प्रकार के वायु, भूमि, ध्वनि प्रदुषनो कूड़ा-कचरों से मंगल वासियों ने अपने ग्रह को बर्बाद करना शुरु कर दिया मंगल ग्रह की भूमि बंजर होने लगी. मंगल ग्रह पर सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक व्यवस्थाये बिगड़ने लगी. मंगल ग्रह पर लोगो का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य गिरने लगा. अन्तरिक्ष में प्रतिस्पर्धा ने युद्ध जेसा रूप ले लिया. अन्तरिक्ष युद्ध होने लगे. सभी प्रकार की मर्यादाये खत्म हो गई और अंतरिक्ष युद्ध ने भयानक रूप से इस ग्रह को बर्बाद कर दिया. अंतरिक्ष में लम्बी यात्राये होने लगी और वे अलिएंस बन कर दुसरे ग्रहों पर पहुचने लगे. मंगल की भोगोलिक व आकाशीय स्थति बदलने लगी और उसके सूर्य की गर्मी भी अब कम हो गई. ग्रह की कक्षीय स्थति में भी धीमी गति से बदलाव होने लगा. इस तरह एक ग्रह की तबाही और बर्बादी की यह विशाल लम्बी कहानी है जो हम पृथ्वी पर धीरे धीरे होते हुए देख रहे है. आज पृथ्वी वासी मंगल को बड़ी आशा भरी और बड़ी उम्मीदों से देख रहे है और मंगल पर जाने के लिए लालायित हो रहे है यह केवल टेक्नोलोजी का आनंद लेने मात्र जेसा ही है इसके सिवाय और कुछ नहीं. लेकिन इन्सान को अंतरिक्ष यात्राओ से कुछ अमरत्व जेसा हाशिल होने वाला नहीं है. मंगल ग्रह की ये संछिप्त कहानी बताती है किस प्रकार एक सुन्दर नीला ग्रह पतन या बर्बाद होते हुए धीरे धीरे लाल ग्रह में बदल गया. 

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